भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने बुधवार (31 मई 2023) को ब्रोकरेज फर्म कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (KSBL) का पंजीकरण रद्द कर दिया। पंजीकरण रद्द करते हुए सेबी ने कहा कि कार्वी ग्राहकों के खातों से अपने खातों में धन हस्तांतरित करने में शामिल था। बदले में इस तरह के फंड ब्रोकरेज हाउस की समूह कंपनियों को हस्तांतरित किए गए थे। इसके अलावा, इसने ग्राहकों की प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर धन जुटाया।
आदेश के अनुसार, अपने ग्राहकों के शेयर गिरवी रखकर वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेने वाली कार्वी की कुल उधारी सितंबर 2019 तक 2,032.67 करोड़ रुपये थी और शेयर ब्रोकर द्वारा गिरवी रखी गई प्रतिभूतियों का मूल्य इस अवधि के दौरान 2,700 करोड़ रुपये था। सेबी ने अपने आदेश में कहा कि इसके अलावा ब्रोकरेज फर्म ने ग्राहकों के धन और प्रतिभूतियों का निपटान नहीं किया, बैंक खातों और डिपॉजिटरी भागीदार खातों का विवरण प्रस्तुत करने में विफल रही और ग्राहकों के प्रति सदस्य की संपत्ति और देनदारियों के उचित मूल्यांकन में फोरेंसिक ऑडिटर के साथ सहयोग करने में विफल रही।
यह देखते हुए कि कार्वी को डिफॉल्टर घोषित किया गया है और नवंबर 2020 में बीएसई और एनएसई द्वारा निष्कासित कर दिया गया है, सेबी ने मध्यस्थ विनियमों के तहत ‘कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के पंजीकरण का प्रमाण पत्र’ रद्द कर दिया है। सेबी ने पिछले महीने कार्वी और उसके प्रवर्तक कोमंदुर पार्थसारथी को प्रतिभूति बाजार से सात साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था और उन्हें दी गई पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग कर ग्राहकों के धन का दुरुपयोग करने के लिए उन पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
नवंबर 2019 में, वॉचडॉग ने अपने अंतरिम आदेश के माध्यम से केएसबीएल को नए ब्रोकरेज क्लाइंट लेने से रोक दिया था, क्योंकि यह पाया गया था कि फर्म ने कथित तौर पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की ग्राहकों की प्रतिभूतियों का दुरुपयोग किया था।
(शेयर मंथन, 31 मई 2023)