सरकार ने बुधवार (31 मई 2023) को कहा कि पिछले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.2% रही और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर चौथी तिमाही में 6.1% रही। जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी वृद्धि पिछली दो तिमाहियों में गिरावट के बाद बढ़ी है। तीसरी (अक्टूबर-दिसंबर) तिमाही में 4.5% की वृद्धि देखी गई। चौथी तिमाही का अनुमान एक साल पहले की समान अवधि में दर्ज 4% की वृद्धि दर को पीछे छोड़ देता है।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल अनुमान पिछले वर्ष की 9.1% की वृद्धि दर से कम है, लेकिन केंद्रीय बैंक के अनुमानों से मामूली रूप से अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2022-23 में 7% की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था, हालांकि गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि अगर वास्तविक जीडीपी वृद्धि अनुमान को हरा देती है तो यह आश्चर्य की बात नहीं होगी। व्यापार, होटल और परिवहन क्षेत्रों में सबसे अधिक 14% की वृद्धि दर्ज की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीडीपी की वृद्धि दर के आँकड़ों की सराहना की और कहा कि यह वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा, 2022-23 के जीडीपी वृद्धि के आँकड़े वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को रेखांकित करते हैं। समग्र आशावाद और आकर्षक मैक्रो-आर्थिक संकेतकों के साथ यह मजबूत प्रदर्शन, हमारी अर्थव्यवस्था के आशाजनक प्रक्षेपवक्र और हमारे लोगों की दृढ़ता का उदाहरण है।
हाल ही में एक शोध रिपोर्ट में, अमेरिकी रेटिंग फर्म मूडीज ने कहा कि भारत अगले कुछ वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती जी 20 अर्थव्यवस्था बना रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरीकरण से आवास और नई कारों की माँग बढ़ेगी, जबकि सरकारी बुनियादी ढाँचे पर खर्च से इस्पात और सीमेंट की माँग बढ़ेगी और देश की शुद्ध शून्य प्रतिबद्धता अक्षय ऊर्जा में निवेश लाएगी।
जी(शेयर मंथन, 31 मई 2023)