निखिल गुप्ता, मुख्य अर्थशास्त्री, एमओएफएसएल समूह
आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति को अपरिवर्तित रखा है, जैसा कि व्यापक रूप से अपेक्षित था। ब्याज दरों या नीतिगत रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ। दोनों मसलों पर एमपीसी में 5-1 का मत रहा। इसके अलावा, गवर्नर ने फिर से 4% का मुद्रास्फीति लक्ष्य प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया।
भारत के केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि वित्त-वर्ष 2024-25 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (रियल जीडीपी) की वृद्धि दर 7% होगी, जो 2023-24 में 7% पर ही रहने का अनुमान है। वहीं मुद्रास्फीति या महँगाई दर वित्त-वर्ष 2023-24 में अनुमानित 5.4% की तुलना में 2024-25 में 4.5% पर होगी। इन अनुमानों में मुद्रास्फीति दर को मोटे तौर पर अपरिवर्तित रखते हुए वित्त-वर्ष 204-25 के लिए विकास दर के पूर्वानुमान को बढ़ाया गया है।
कुल मिलाकर, कोई बड़ी घोषणा नहीं की गयी जिसमें आने वाले समय में नीतिगत ढील का संकेत हो। आरबीआई जरूरत के अनुसार एकदिनी (ओवरनाइट) नकदी प्रवाह के साथ दैनिक तरलता (लिक्विडिटी) का प्रबंधन करता रहा है। हमें निकट भविष्य में मौद्रिक नीति में ढील की संभावना नहीं दिख रही है, खास कर इतनी मजबूत वृद्धि के साथ। (शेयर मंथन, 8 फरवरी 2024)