डीमैट खातों के जरिये शेयर बाजार में निवेश करने वाले और म्यूचुअल फंड निवेशकों को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेशानुसार अपने खातों में नॉमिनी की जानकारी देना अनिवार्य किया गया था। ऐसा नहीं करने पर खाते फ्रीज किये जा सकते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बाजार नियामक ने ताजा आदेश में निवेशकों को राहत प्रदान की है।
निवेशकों के हित में सेबी का आदेश
बाजार नियामक के हालिया आदेश के मुताबिक अब डीमैट और म्यूचुअल फंड खातों को 'नॉमिनेशन का विकल्प' न देने पर फ्रीज नहीं किया जाएगा। ये बदलाव 1 अक्टूबर 2023 से लागू होगा। सेबी ने नामांकन का विकल्प न देने पर डीमैट और म्यूचुअल फंड खातों को फ्रीज करने का नियम 10 जून 2024 को खत्म कर दिया। साथ ही जिन निवेशकों के पास अब भी फिजिकल फॉर्म में शेयर हैं, वे डिविडेंड, ब्याज या सिक्योरिटीज को भुनाने जैसी सेवाएँ अब बिना परेशानी ले पाएँगे। इसके साथ ही निवेशक नामांकन का विकल्प न चुनने पर भी शिकायत दर्ज करने या आरटीए के जरिए कोई भी सेवा पाने के हकदार होंगे। इससे पहले, सेबी ने सभी निवेशकों को अपने डीमैट खाते और म्यूचुअल फंड में नॉमिनी जोड़ने के लिए 30 जून 2024 तक का समय दिया था। ऐसा नहीं करने वाले निवेशकों के खाते फ्रीज किये जा सकते थे।
हालाँकि सेबी ने ये भी साफ किया है कि सभी नए निवेशकों और म्यूचुअल फंड धारकों को डीमैट खातों/ म्यूचुअल फंड फोलियो के लिए नामांकन का विकल्प देने की व्यवस्था जारी रहेगी।
ईमेल और मैसेज से जानकारी देने के आदेश
हालाँकि बाजार नियामक ने डिपॉजिटरी सेवाएँ देने वाली संस्थाओं, एएमसी या आरटीए से डीमैट खाताधारकों या म्यूचुअल फंड निवेशकों को ईमेल और एसएमएस के जरिये नॉमिनी की जानकारी अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है। इसमें नॉमिनी का नाम, उसकी हिस्सेदारी कितनी होगी, और एप्लीकेंट से संबंध के बारे में बताना होगा।
(शेयर मंथन, 11 जून 2024)
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