कपास वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 920 के नजदीक सहारा मिल सकता है, जिससे इसमें गिरावट पर रोक भी लगी रह सकती हैं।
डॉलर के मुकाबले रुपये के तीन महीने के निचले स्तर 65 पर पहुँचने के बाद कपास की निर्यात माँग बढ़ी है। दूसरी ओर विश्व बाजार में कपास की कीमतों में तेजी के बाद अपने उत्पाद को बेचना नही चाहते हैं। अमेरिका के प्रमुख कपास उत्पादक राज्य टेक्सास में सूखे की आशंका के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार आईसीई में कपास की कीमतें एक महीने के उच्च स्तर पर विद्यमान हैं। आयात शुल्क में बढ़ोतरी की खबरों के कारण चना वायदा (मार्च) की कीमतों को 3,645 रुपये के स्तर पर सपोर्ट मिलने की संभावना है। सरकार ने दालों पर आयात शुल्क 40% से बढ़ा कर 60% कर दिया है। इससे ऑस्टेलिया और कनाडा से सस्ते आयात को कम करने में चने की कीमतों, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,400 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे कारोबार कर रही हैं, को स्थिर करने में मदद मिलेगी। मेंथा ऑयल वायदा (मार्च) में बिकवाली का असर रहने की संभावना है और यदि कीमतें 1,250 के सपोर्ट स्तर से नीचे टूटती है तो 1,230-1,200 रुपये तक लुढ़क सकती है। मौजूदा सीजन में मेंथा के उत्पादन क्षेत्र के कारण अधिक उत्पादन अनुमान और हाजिर बाजारों में उपभोक्ता उद्योगों की ओर से कम माँग के कारण कीमतों नरमी का रुझान रहने की संभावना है। ग्वारसीड (मार्च) वायदा की कीमतों ने 4,200 के सपोर्ट स्तर से उछाल दर्ज की है और 4,345-4,3850 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने का अनुमान है। हाजिर बाजारों में आवक कम हो गयी है और किसानों के पास भी बहुत अधिक स्टॉक नही बचा है। नवीनतम आँकड़ों के अनुसार फरवरी महीने में ग्वारसीड की मौजूदा आवक माह-दर-माह 21.96% कम होकर 3.95 लाख बैग रह गयी है और आगे भी यही रफ्तार रहने की संभावना है। (शेयर मंथन, 05 मार्च 2018)
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