सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 3,240-3,345 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
पहले बोई गयी सोयाबीन की फसल अब तैयार होने के दौर में पहुँच गयी है, जबकि देर से बोई गई फसल में दाने लगने शुरू हो गये हैं। मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की खड़ी फसल कई तरह के कीटों का प्रकोप देखा जा रहा है, लेकिन स्थिति अभी चिंताजनक नही हैं। निरीक्षण किया गया है। किसानों को इन कीटों से निपटने के लिए लगातार सलाह और सुविधाएँ दी जा रही हैं।
सरसों वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,205-4,255 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। सरसों की पेराई मार्जिन बेहतर है और नयी फसल की आपूर्ति को लेकर कोई चिंता नही है। कारोबारियों को उम्मीद है कि चीन पशु आहार की माँग को पूरा करने के लिए भारतीय सरसों केक पर लगाये 7 साल पुराने प्रतिबंध को हटा सकता है। लेकिन अभी निर्णय नही लिया गया है।
सीपीओ (अक्टूबर) वायदा की कीमतों में 595 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है, जबकि सोया तेल (अक्टूबर) वायदा की कीमतों में 742-745 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। आगामी दिनों में कारोबारियों को त्योहारी माँग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त इस वर्ष (नवंबर 2017-अक्टूबर 2018) भारत के खाद्य तेल आयात में सात वर्षो में पहली बार कमी होने का अनुमान है। इस वर्ष में खाद्य तेल का कुल आयात पिछले वर्ष के 15.4 मिलियन टन की तुलना में लगभग 4-5% कम होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 25 सितंबर 2018)
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