सोयाबीन वायदा (मार्च) की कीमतों के 3,695 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है और बढ़त पर रोक लगी रह सकती है।
वर्तमान समय में भारतीय सोयामील की तुलना में दक्षिण अमेरिकी सोयामील की कीमतें काफी कम है। इसलिए भारतीय सोयामील की निर्यात माँग में कमी जारी रहने की संभावना है और घरेलू कीमतों पर दबाव बरकरार रह सकता है।
घरेलू बाजारों में अधिक आपूर्ति के कारण सीपीओ वायदा (मार्च) की कीमतों में गिरावट होने की संभावना है और कीमतों में 535 रुपये तक गिरावट हो सकती है। कुवालालम्पुर सम्मेलन में औद्योगिक सूत्रों के अनुसार मलेशिया और इंडोनेशिया में पॉम ऑयल के बढ़ते उत्पादन अनुमान के कारण बीएमडी में पॉम ऑयल की कीमतों में 1% से अधिक की गिरावट हुई है। बाजार की नजर 11 मार्च को जारी होने वाले मलेशियन पॉम ऑयल बोर्ड के आँकड़ों पर रहेगी।
सरसों वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 3,840 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। फरवरी महीने में तेल मिलों ने 5,00,000 टन सरसों की पेराई होगी जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 33.3% अधिक है। 2018-19 में देश में सरसों का उत्पादन पिछले वर्ष के 71.5 लाख टन की तुलना में 19% की उछाल के साथ 85 लाख टन होने का अनुमान है। प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में बेहतर मौसम के कारण मौजूदा सीजन में उत्पादकता में बढ़ोतरी होने की संभावना है। (शेयर मंथन, 08 मार्च 2019)
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