कपास वायदा (जुलाई) की कीमतों को 21,450 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
बारिश की कमी के कारण महाराष्ट्र के किसान ज्वार और बाजरा जैसी छोटी अवधि वाले फसलों की खेती करना पसंद कर रहे हैं। राज्य में कपास की बुआई शुरु होने के साथ ही बारिश की कमी ने किसानों को चिंतित कर दिया है। कपास के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों मराठवाड़ा और विदर्भ में बारिश बिल्कुल नहीं हुई है। बारिश की कमी के कारण कपास की दोबारा बुआई के जोखिम को देखते हुए किसान मक्का और बाजरा जैसे विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
मेंथा ऑयल वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी का रुझान जारी रहने की संभावना है और कीमतें 1,280-1,320 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। हाजिर बाजारों में आवक में कमी और अधिक निर्यात माँग के कारण कीमतों में तेजी का रुझान है। संभल में मेंथा ऑयल की कीमतें 15-20 रुपये बढ़ कर 1,370 रुपये किलो ग्राम हो गयी हैं। संभल में आवक केवल 400-450 डंम हो रही है।
कैस्टरसीड वायदा (अगस्त) की कीमतों को 5,545 रुपये के स्तर पर सहारा बना रह सकता है और कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती हैं। गुजरात के हाजिर बाजारों में आवक में कमी और घरेलू स्टॉकिस्टों एवं निर्यातकों की ओर से अधिक माँग के कारण कीमतों में तेजी का रुझान है। नवीनतम आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून के दौरान भारत ने जून महीने में 1,53,596 टन कैस्टरमील का निर्यात किया है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 41,017 टन निर्यात किया था। (शेयर मंथन, 19 जुलाई 2019)
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