आईसीई में नरमी के रुझान पर कपास वायदा (अगस्त) की कीमतों में 20,550 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
चीन और अमेरिका के बीच लंबे समय से जारी व्यापार युद्ध के कारण आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों में 76 से 93 अंकों की गिरावट दर्ज की गयी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन को 2020 से पहले व्यापार करार टालने पर चेतावनी दी है और कहा है कि यदि वह दोबारा जीतकर आते हैं तो चीन के साथ कोई भी समझौता नहीं हो सकता है। इसके साथ यूएसडीए की रिपोर्ट के अनुसार बेहतर फसल के अनुमान के कारण भी कीमतों पर दबाव पड़ा। यूएसडीए के अनुसार के कारण 61% अमेरिकी कपास की फसल काफी बेहतर स्थिति में है।
कॉटन ऑयल सीड केक वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतें 3,300-3,350 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। कपास कॉटन ऑयल सीड केक के लिए प्राथमिक कच्चा माल है और गुजरात और महाराष्ट्र के प्रमुख उत्पादक राज्यों में सूख जैसी स्थिति है। एनसीडीईएक्स ने कॉटन ऑयल सीड केक के कुछ कॉन्ट्रैक्ट के लिए एक्सपायरी पूर्व मार्जिन को बढ़ा कर 3% प्रति दिन कर दिया है, जो एक्सपायरी से 11 दिन पहले लागू हो जायेगा।
कैस्टर सीड वायदा (अगस्त) के कीमतों के 5,520-5,590 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। कमजोर निर्यात माँग के बावजूद घरेलू स्टॉकिस्टों की ओर से बढ़ती माँग के बीच तिलहन की आवक में गिरावट के कारण कीमतों में तेज गिरावट पर रोक लग सकती है।
मेंथा तेल (अगस्त) की कीमतें 1,260 रुपये के सहारा स्तर से ऊपर ही स्थिर रह सकती हैं। विदेशी खरीदारों की ओर से मेंथा तेल की बढ़ती माँग के बीच उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में कीमतें स्थिर हैं। प्रमुख बाजार चंदौसी में, मेंथा तेल की कीमतें 1,398-1,400 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में रही। (शेयर मंथन, 31 जुलाई 2019)
कॉटन ऑयल सीड केक वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतें 3,300-3,350 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। कपास कॉटन ऑयल सीड केक के लिए प्राथमिक कच्चा माल है और गुजरात और महाराष्ट्र के प्रमुख उत्पादक राज्यों में सूख जैसी स्थिति है। एनसीडीईएक्स ने कॉटन ऑयल सीड केक के कुछ कॉन्ट्रैक्ट के लिए एक्सपायरी पूर्व मार्जिन को बढ़ा कर 3% प्रति दिन कर दिया है, जो एक्सपायरी से 11 दिन पहले लागू हो जायेगा।
कैस्टर सीड वायदा (अगस्त) के कीमतों के 5,520-5,590 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। कमजोर निर्यात माँग के बावजूद घरेलू स्टॉकिस्टों की ओर से बढ़ती माँग के बीच तिलहन की आवक में गिरावट के कारण कीमतों में तेज गिरावट पर रोक लग सकती है।
मेंथा तेल (अगस्त) की कीमतें 1,260 रुपये के सहारा स्तर से ऊपर ही स्थिर रह सकती हैं। विदेशी खरीदारों की ओर से मेंथा तेल की बढ़ती माँग के बीच उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में कीमतें स्थिर हैं। प्रमुख बाजार चंदौसी में, मेंथा तेल की कीमतें 1,398-1,400 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में रही। (शेयर मंथन, 31 जुलाई 2019)
Add comment