हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतों में 6,350-6,380 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है।
इरोद जिले के सभी चार बाजारों में हल्दी की आवक और बिक्री बढ़ गयी है, जबकि कीमतों में नरमी का रुझान है। ऐसा खराब क्वालिटी की आवक में बढ़ोतरी होने और सलेम एवं हाइब्रिड वेराइटी के अभाव के कारण हो रहा है। लगभग 1,500 बैग पुरानी हल्दी की आवक हो रही है, जिसमें से 60% हल्दी की बिक्री हो रही है। इस बीच खबर है कि भारतीय मसाला बोर्ड की टास्क फोर्स कमिटी द्वारा उत्पादन लागत को देखते हुए तेलंगाना सरकार द्वारा हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा को मंजूरी देने की संभावना है।
जीरा वायदा (नवंबर) की कीमतें 16,500 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 16,700-16,800 रुपये तक रिकवरी कर सकती हैं। प्रमुख उत्पादक राज्यों गुजरात और राजस्थान में जीरे की बुआई में 10-15 दिनों की देरी होने से संभावना से कीमतों को मदद मिल सकती है।
धनिया वायदा (नवंबर) कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतों में 7,000-7,100 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। इस वर्ष नयी फसल की बुआई में देरी की संभावना और जोरदार माँग के कारण कीमतों में तेजी का रुझान है।
इलायची वायदा (नवंबर) की कीमतें 2,485 रुपये के सहारा स्तर से नीचे टूट सकती है और कीमतों में 2,380-2,300 रुपये तक गिरावट हो सकती है। मसाला बोर्ड के ई-ऑक्सन केन्द्र बोदीकयानूर में बड़े ग्रेड की इलायची की कीमतों में गिरावट होनी शुरू हो गयी है। उत्पादन क्षेत्रों मौजूदा बारिश के बाद आगामी महीनों में आवक बेहतर होने की संभावना से नरमी का सेंटीमेंट है। वर्तमान समय में अधिकांश कारोबारी ताबड़तोड़ खरीदारी से हिचक रहे हैं और इस कारण खरीदारी कम हो रही है। (शेयर मंथन, 04 नवंबर 2019)
Add comment