सोयाबीन वायदा (जून) की कीमतों के 6,970-7,070 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। मौजूदा खरीफ सीजन में यह देखा गया है कि किसान सोयाबीन की अधिक खेती करने का विकल्प चुन सकते हैं।
सोयाबीन ऑयल प्रोसेसर्स एसोसिएशन को सोयाबीन के उत्पादन क्षेत्र में 5-7% वृद्धि की उम्मीद है। मध्य प्रदेश में, किसान कुछ क्षेत्रों में धान, उड़द और मक्का की जगह सोयाबीन की खेती कर सकते हैं, जबकि महाराष्ट्र में कपास और दालों की जगह कुछ क्षेत्र में सोयाबीन की खेती की जा सकती है।
आरएम सीड वायदा (जून) की कीमतों में भी 6,970-7,070 रुपये के दायरे में मजबूती देखने को मिल रही है। तिलहन को समर्थन देने वाला प्रमुख कारक मिल मालिकों की ओर से स्थिर माँग के मुकाबले बाजार में कम स्टॉक है। नवीनतम आँकड़ों से पता चलता हैं कि किसानों के पास 41 लाख मीटिंक टन और प्रोसेसरों एवं स्टॉकिस्टों के पास 6.5 लाख मीटिंक टन स्टॉक हैं, जो कुल मिलाकर 47.50 लाख मीटिंक टन होता हैं।
सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों के 1,395-1,410 रुपये के व्यापक दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। सीपीओ वायदा (जून) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 1,130-1,145 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। घरेलू खाद्य तेल काउंटर ऊहापोह की स्थिति में हैं, इसका कारण यह है कि अमेरिकी सोया तेल की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर 72.32 सेंट प्रति पाउंड के करीब है और मलेशियाई पॉम तेल की कीमतें अभी भी कई महीनों के उच्च स्तर पर हैं, जबकि इसके विपरीत ऐसी खबर है कि दुनिया के सबसे बड़े वनस्पति तेल आयातक भारत में खाद्य लागत को कम करने के लिए पिछले महीने खाद्य तेल की कीमतों के रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँचने के बाद खाद्य तेलों पर आयात कर कम करने पर विचार कर रहा है। फिलहाल खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटाने के प्रस्ताव की समीक्षा की जा रही है। चर्चा है कि सरकार इसी महीने टैक्स में कटौती पर अंतिम फैसला लेगी। (शेयर मंथन, 07 जून 2021)
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