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सोयाबीन में निचले स्तर पर खरीदारी की उम्मीद - एसएमसी

खाद्य विभाग राजस्थान द्वारा तिलहन और खाद्य तेलों पर स्टॉक सीमा लगाये जाने की खबरों के कारण सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल 6% के लोअर सर्किट पर गिरावट हुई है।

कीमतें 6,530 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 6,050 रुपये के स्तर पर लुढ़क सकती हैं। भारत में सोयाबीन की कीमतों में एक हफ्ते में 12% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि भारत के कई किसान सोयाबीन को तिलहन प्रोसेसर को बेचने के बजाय रोक कर रख रहे हैं। ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन ने सरकार से 5,50,000 टन सोयामील के आयात की अनुमति देने का अनुरोध किया। सोपा के अनुसार, अक्टूबर में सोयाबीन की आवक पिछले साल के 18 लाख टन की तुलना में कम 15 लाख टन रही है। खाद्य तेल के आयात में गिरावट के कारण सोयाबीन की पेराई माँग में बढ़ोतरी हो रही है। यूएसडीए की नवंबर की मासिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मिले-जुले रुख को देखते हुये पिछले सप्ताह खाद्य तेल की कीमतें सपाट रही। कच्चे तेल और वैश्विक बाजारों में तेजी के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतें कल बढ़त के साथ बंद हुई।
डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा 1.1% लुढ़क गया, जबकि इसके पाम तेल वायदा की कीमतों में 1.4% की गिरावट हुई। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेंड में सोया तेल की कीमतें 0.7% बढ़ी है। भारत में, नवंबर के पहले 3 सप्ताह तक खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि हुई, लेकिन अब गिरावट हो रही है लेकिन माँग में बढ़ोतरी और कम आयात के कारण गिरावट सीमित है। इसके अलावा, 15 नवंबर के दौरान शुल्क मूल्य में 1% से अधिक की वृद्धि भी खाद्य तेल की कीमतों को मदद मिल रही है। एसईए के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य तेल आयात माह-दर-माह 38.4% कम हुआ है, जबकि पोर्ट पर स्टॉक माह-दर-माह 15% कम रहा है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,220 रुपये में सहारा और 1,237 रुपये पर बाधा के साथ कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,090 रुपये पर सहारा और 1,125 रुपये पर अड़चन के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 30 नवंबर 2021)

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