कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 2,850 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 2,670 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
वैश्विक स्तर पर ईंधन की माँग के लिए एक कमजोर आउटलुक के कारण हुई नयी बिकवाली के बाद आज तेल की कीमतों में नरमी का रुझान है, लेकिन ओपेक और उसके सहयोगियों के इस सप्ताह के अंत में एक बैठक से पहले शॉर्ट-कवरिंग के कारण गिरावट कम हुई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी के चल रहे हमले के कारण दुनिया भर में ईंधन की माँग को लेकर प्रमुख तेल उद्योग उत्पादक और व्यापारी भविष्य की चिंता कर रहे हैं। ओपेक ने सोमवार को अपने तेल माँग के पूर्वानुमान को कम कर दिया है। निवेशक ओपेक प्लस द्वारा संयुक्त मंत्रिस्तरीय निगरानी समिति (श्रडडब) को गुरुवार को उत्पादन में गहरी कटौती के अनुपालन पर चर्चा के रूप में देख रहे हैं, लेकिन विश्लेषकों को उम्मीद नही है कि ब्रेंट की कीमतों में हाल के दिनों में 40 डॉलर से प्रति बैरल से नीचे आने के बावजूद आगे भी कटौती की जायेगी। लीबिया में, कमांडर खलीफा हफ्टर ने तेल सुविधओं की एक महीने की नाकाबंदी को समाप्त करने के लिए वादा किया, जिससे बाजार में अधिक आपूर्ति बढ़ जायेगी लेकिन यह अस्पष्ट है कि तेल क्षेत्रों और बंदरगाहों का संचालन शुरू हो जायेगा।
नेचुरल गैस की कीमतों में बिकवाली का दबाव रह सकता है और कीमतों में 176 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 164 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है। (शेयर मंथन, 15 सितंबर 2020)