कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना हैं और कीमतों को 3,040 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 2,830 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
गुरुवार को अमेरिकी नीति निर्माताओं के एक द्विदलीय सौदे तक पहुँचने की उम्मीद में 2.2 ट्रिलियन डॉलर के कोरोना वायरस राहत पैकेज पर वोट को स्थगित कर दिये जाने के बाद आज तेल की कीमतों में मामूली बदलाव हुआ है जबकि कोरोना के बढ़ते संक्रमणों के बाद माँग में कमी की आशंका बनी हुई। अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन के आँकड़ों के अनुसार कच्चे तेल और डिस्टिलेट के भंडार में अनुमान से अधिक गिरावट के बाद बुधवार को डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल की कीमतों में उछाल दर्ज की गयी थी। लेकिन माँग चिंता बनी हुई है। न्यूयॉर्क में चिंतायें बढ़ रही हैं, जहाँ कोविड-19 संक्रमण दर का बढ़ना जारी है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों (ओपेक) के संगठन की ओर से बढ़ती आपूर्ति से भी कीमतों पर दबाव पड़ रहा है क्योंकि, रायटर सर्वेक्षण के अनुसार लीबिया में कुछ केन्द्रों से उत्पादन फिर से शुरू होने से कुल उत्पादन में अगस्त की तुलना में सितंबर में प्रति दिन 1,60,000 बैरल की वृद्धि हुई। ओपेक प्लस से आपूर्ति बढ़ने से उनके पुनर्संतुलन के प्रयासों में तेजी आयेगी क्योंकि बाजार अभी भी कमजोर माँग से जूझ रहा है। रूस ने ओपेक प्लस द्वारा तय कोटे से अधिक तेल का उत्पादन कर रहा है इसलिए बाजार को चिंता है कि समूह बाजार के अनुमान की तुलना में अधिक आपूर्ति कर सकता है।
नेचुरल गैस की कीमतों में उठापटक रह सकती है और कीमतों में 179 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 198 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। अमेरिका के पूरे पश्चिम में मौसम के सामान्य से अधिक गर्म होने की उम्मीद के कारण नेचुरल गैस की कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी। (शेयर मंथन, 01 अक्टूबर 2020)