कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
कीमतों के 6,820-7,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। पश्चिमी देशों और जापान द्वारा रूसी बैंकों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा देश के परमाणु निवारक को हाई अलर्ट पर रखने के बाद तेल की कीमतें आज शुरुआती कारोबार में 7 डॉलर से अधिक उछाल गयी। परमाणु चेतावनी और बैंक भुगतान बाधाओं ने आशंकाओं को बढ़ा दिया है कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक से तेल की आपूर्ति बाधित हो सकती है जबकि रूस का पड़ोसी यूक्रेन पर आक्रमण जारी है। नाटो नेताओं के आक्रामक बयानों और पश्चिम द्वारा रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधें का हवाला देते हुये, पुतिन ने रविवार को रूस के परमाणु निरोधक बलों को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया। उद्योग के आँकड़ों से पता चलता है कि बाजार में तेल की कीमतों को कम करने में मदद करने के लिए वैश्विक स्तर पर समन्वित स्टॉक जारी करने के लिए वाशिंगटन की अपील के बावजूद, चीन ने इस साल अपने तेल भंडार में खरीद तेज कर दी है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने नवंबर में अपने स्वयं के स्टॉक से 50 मिलियन बैरल तेल जारी करने की घोषणा की थी और कहा था कि चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया यूके भी ऐसा करें। यह कदम तब उठाया गया है जब अमेरिकी गैसोलीन की कीमतें बढ़ीं और मुद्रास्फीति बढ़ गयी।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 330 रुपये के स्तर पर सहारा और 350 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 28 फरवरी 2022)