सितंबर 2012 से ही सरकार द्वारा जिस तरह से आर्थिक सुधार के लिए मजबूत कदम उठाये जा रहे हैं, उससे बजट में भी कई ऐसे ही सुधारवादी उपाय किये जाने की उम्मीद थी।
ऐसा नहीं हो सका, लेकिन फिर भी कुल मिलाकर बजट निराशाजनक नहीं था। वित्त मंत्री गंभीरता से वित्तीय घाटे को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो कि उनके भाषण में साफ दिखायी दिया। वित्त मंत्री ने ऐसी कोई प्रमुख लोकलुभावन घोषणा नहीं की। उन्होंने बड़े स्तर पर कर नीतियों को स्थिर बनाये रखा।
मेरे विचार में इस बजट से बाजार में या फिर किसी भी विशेष क्षेत्र में कोई बड़ी सकरात्मक या नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं रही। मैं सोचता हूँ कि बाजार इस बजट से बाहर सरकार के सुधारवादी एजेंडे पर नजरें बनाये रखेगा। उम्मीद है कि आगामी संसद सत्र में सुधारों की गति में सुधार होगा। दिनेश ठक्कर, सीएमडी, एंजेल ब्रोकिंग (Dinesh Thakkar, Chairman & Managing Director, Angel Broking)
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