रोहित गाडिया
सीईओ, कैपिटलवाया ग्लोबल रिसर्च
पिछले सप्ताह निफ्टी में कई बार उतार-चढ़ाव आये, लेकिन अंत में यह 12 हफ्तों के उच्च स्तर पर बंद हुआ।
बाजार में यह सकारात्मक भावना अमेरिकी फेडरल रिजर्व के इस बयान के बाद आयी कि वह 2016 में ब्याज दरों में वृद्धि धीरे-धीरे ही करेगा। बाजार में चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात मिला-जुला रहा। बैंकिंग, धातु, सीमेंट, इन्फ्रा, कैपिटल गुड्स और चुनिंदा मँझोले शेयरों में खरीदारी देखने को मिली।
अगले सप्ताह की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति की समीक्षा बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होगी। आरबीआई वित्त वर्ष 2016-17 के लिए अपनी पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा मंगलवार 5 अप्रैल को करेगा। उम्मीद जतायी जा रही है कि आरबीआई ब्याज दरों में कम-से-कम 0.25% अंक (25 बीपीएस) की कटौती करेगा। सरकार द्वारा अप्रैल-जून 2016 की तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कमी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नरम बयान से बाजार की इन उम्मीदों को बल मिला है कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति, वैश्विक बाजारों के रुझान, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश और कच्चे तेल की कीमतों से निकट भविष्य में बाजार की दिशा तय होगी।
निफ्टी फ्यूचर बीते सप्ताह के दौरान 12.45 अंक बढ़ कर शुक्रवार को 7,748.75 पर बंद हुआ। तकनीकी रूप से दैनिक चार्ट में निफ्टी फ्यूचर का अल्पावधि रुझान ऊपर की ओर है, क्योंकि इसका साप्ताहिक बंद स्तर 7,700 के ऊपर है और यह 100 डीएमए से ऊपर टिकने में सफल रहा है। अब 7600 का स्तर एक मजबूत सहारे का काम करेगा, क्योंकि हफ्ते के दौरान यह इसी स्तर के पास से वापस सँभला है। लिहाजा, निकट भविष्य में यह 7,800 के स्तर को छू सकता है जो इसका ठीक अगला प्रतिरोध स्तर है। वहीं नीचे की ओर 7,600 इसका तात्कालिक समर्थन स्तर है। (शेयर मंथन, 2 अप्रैल 2016)