कपास वायदा (अप्रैल) की कीमतें 960 के सपोर्ट स्तर से नीचे टूट कर 645 रुपये तक गिर सक सकती है।
कम खरीदारी के कारण मध्य भारत के हाजिर बाजारों में कपास की कीमतों में गिराट हुई है। कपड़ा मंत्रालय में लिक्विडिटी के मुद्दे के कारण स्थानीय मिलों की ओर से कपास की माँग कम हुई है। मिलों को अपना पिछले बकाया भुगतान प्राप्त नही हुआ है। आगामी दिनो में भी आवक में बढ़ोतरी होगी, जिससे कीमतें दबाव में रह सकती है। निर्यातकों की ओर से खरीदारी हो रही है, लेकिन काफी कम। चना वायदा (मार्च) कीमतों के 3,770-3,875 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। इस वर्ष आपूर्ति की अधिकता से कीमतों पर दबाव बना रह सकता है, क्योंकि मौजूदा रबी सीजन में देश में चने का बंपर उत्पादन होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार बुधवार तक देश में चने का उत्पादन वर्ष-दर वर्ष 12.7% बढ़ कर 10.38 मिलियन हेक्टेयर से अधिक हो गया है। मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में चने का उत्पादन क्षेत्र अधिक होने के कारण कल बुआई क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार ने इस वर्ष 22.9 मिलियन दालों के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो लगभग पिछले वर्ष के बराबर है। कॉटन ऑयल सीड केक वायदा (फरवरी) की कीमतों में 1,760-1,745 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। कमजोर माँग के कारण बेंचमार्क बाजार में कॉटन ऑयल सीड केक की कीमतें 30 रुपये कम होकर 1,750 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम हो गयी हैं। अधिक कीमतों पर पशु आहार निर्माताओं और स्टॉकिस्टों की ओर से कॉटन ऑयल सीड केक की थोक माँग कम हुई है। किसान चूर, चना-चूरी और बाजरा-चूरी जैसे सस्ते विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं, जो 1,200-1,500 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम पर उपलब्ध है। (शेयर मंथन, 09 जनवरी 2018)
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