सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 3,150-3,250 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि कीमतों की नरमी पर रोक लगी रह सकती है।
सबसे अधिक उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसलों पर कीटों के प्रकोप से फसल नुकसान का खतरा मंडराने लगा है, जिसे देखते हुए विक्रेता सतर्क हो सकते हैं। कहीं-कहीं कीटों का प्रकोप काफी अधिक हो गया है। वर्तमान समय में नम मौसम के कारण कीटों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इसके अतिरिक्त कारोबारी अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा 12 सितंबर को जारी होने वाली अमेरिकी कृषि आपूर्ति और माँग अनुमान की रिपोर्ट से पहले सावधानी बरत सकते हैं।
सरसों वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 4,200 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। सरसोंमील निर्यातकों की ओर से अधिक माँग और सरसों तेल की अधिक खरीदारी के कारण इस महीने सरसों की अधिक पेराई होने की संभावना है। सामान्यत मॉनसून सीजन के दौरान सरसों तेल की माँग बढ़ जाती है। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया अब तक के निचले स्तर 72 रुपये से भी अधिक हो गया है और आगे भी इसमें गिरावट होने की संभावना है, जिसके कारण खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है।
इसे देखते हुए सोया तेल (अक्टूबर) वायदा की कीमतों को 739 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है और सीपीओ (अक्टूबर) वायदा की कीमतों के 598 रुपये के स्तर से ऊपर रहने की संभावना है। मलेशियन पॉम ऑयल बोर्ड द्वारा 12 सितंबर को जारी होने वाले आँकड़ों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉम ऑयल की कीमतों को दिशा मिल सकती है। (शेयर मंथन, 10 सितंबर 2018)
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