अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में एसएमसी ने कहा है कि कच्चा तेल वायदा की कीमतों में अस्थिरता रहने की संभावना है, क्योंकि ओपेक द्वारा तेल उत्पादन में अधिक कटौती की संभावना से तेल की कीमतों को मदद मिल सकती है।
जबकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद गहराने से वैश्विक अर्थव्यवस्था में धीमेपन को लेकर आशंका के कारण तेल की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। कच्चे तेल की कीमतों को 3,500 रुपये के स्तर पर सहारा और 4,100 रुपये पर बाधा रह सकती है।
तेल की कीमतों में हाल ही में गिरावट के बाद ओपेक के प्रमुख सदस्य सऊदी अरब, दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक, ने तेल उत्पादकों की बैठक बुलायी है, क्योंकि तेल की कीमतें अप्रैल के उच्च स्तर से 20% कम हो गयी हैं। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के प्रमुख सदस्य सऊदी अरब ने अगस्त और सितंबर में कच्चे तेल के निर्यात 70 लाख बैरल प्रति दिन से कम बनाए रखने की योजना बनायी है, ताकि बाजार में संतुलन वापस लाया जा सके और वैश्विक तेल भंडार को कम करने में मदद मिल सके। ईआईए के अनुसार अमेरिकी कच्चे तेल का उत्पादन 100,000 बैरल/दिन बढ़कर 1.23 करोड़ बैरल/दिन हो गया है, जो मई के साप्ताहिक रिकॉर्ड उच्च स्तर 1.24 करोड़ बैरल/दिन से कम है। ईआईए की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि अमेरिकी कच्चे तेल का उत्पादन 2019 में औसतन 1.23 करोड़ बैरल/दिन और 2020 में 1.33 करोड़ बैरल/दिन होने का अनुमान है, जो दोनों रिकॉर्ड स्तर पर होगा।
नेचुरल गैस की कीमतों पर बिकवाली का दबाव रह सकता है और कीमतें 160 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 140 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती हैं। हाल ही में अमेरिकी गैस वायदा तीन साल के निचले स्तर तक गिर गया था, जबकि गर्मी के दिनों में हाजिर कीमतें 20 से अधिक वर्षों में सबसे कम हो गयीं। अगले 8-14 दिनों में पूर्वी तट और मध्य-पश्चिम में मौसम सामान्य से अधिक ठंडा होने की उम्मीद है, जिससे गर्मियों के दिनों में वातानुकूलन के लिए गैस की माँग कम होनी चाहिए। (शेयर मंथन, 10 अगस्त 2019)
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