कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है।
तेल उत्पादन में कटौती को जारी रखने को लेकर ओपेक और सहयोगी देशों के बीच सहमति और मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण आपूर्ति बाधित होने की आशंका से कीमतों को मदद मिल रही है। लेकिन अमेरिका एवं चीन के बीच गहराते व्यापार विवाद और लंबे समय तक चलने की आशंका के कारण वैश्विक धीमेपन से माँग में कमी की संभावना से कीमतों की बढ़त पर रोक लग सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों के 4,380 रुपये पर सहारे के साथ 4,450 रुपये के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है। ओपेक के साथ ही रूस और अन्य देश 1 जनवरी से ही तेल उत्पादन में 12 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती कर रहे हैं, जिसके कारण कीमतों को मदद मिल रही है।
ओपेक और रूस द्वारा इस वर्ष के प्रारंभ से तेल उत्पादन में कटौती और ईरान एवं वेनेजुएला पर अमेरिकी प्रतिबंध के कारण कच्चे तेल की कीमतों में 30% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों को 188 रुपये पर अड़चन रहने संभावना है और कीमतें 180 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 21 मई 2019)
कच्चे तेल की कीमतों के 4,380 रुपये पर सहारे के साथ 4,450 रुपये के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है। ओपेक के साथ ही रूस और अन्य देश 1 जनवरी से ही तेल उत्पादन में 12 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती कर रहे हैं, जिसके कारण कीमतों को मदद मिल रही है।
ओपेक और रूस द्वारा इस वर्ष के प्रारंभ से तेल उत्पादन में कटौती और ईरान एवं वेनेजुएला पर अमेरिकी प्रतिबंध के कारण कच्चे तेल की कीमतों में 30% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों को 188 रुपये पर अड़चन रहने संभावना है और कीमतें 180 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 21 मई 2019)