कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलाव से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से निबटने के लिए उठाये जा रहे कदमों के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (CRISIL) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत के विकास दर के अनुमान में कमी कर दी है।
क्रिसिल (CRISIL) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) के अनुमान में 20 आधार अंकों की कटौती की है।
जीडीपी वृद्धि के ताजा आँकड़ों के आने के बाद रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने 2019-20 की सालाना विकास दर के लिए अपने अनुमानों में तीखी कटौती कर दी है।
मूडीज (Moody's) और क्रिसिल (CRISIL) के बाद अब इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने भी भारत की अनुमानित विकास दर में कटौती कर दी है।
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के नये "फिक्की विनिर्माण सर्वेक्षण" में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2019) में 6.0% जीडीपी विकास दर रहने का अनुमान लगाया गया है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी विकास दर (GDP growth rate) के अपने अनुमान में और कटौती कर दी है।
वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2017 के दौरान देश की आर्थिक विकास दर (growth rate) अनुमानों के मुकाबले काफी नीची रही है।
चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) लगभग एक चौथाई घट गया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की चाल फिर से कुछ धीमी पड़ी है। मुख्य रूप से कृषि, निर्माण (कंस्ट्रक्शन) और खनन (माइनिंग) गतिविधियों में कमी दर्ज किये जाने के कारण विकास दर अपेक्षाकृत धीमी पड़ी है।
वैभव अग्रवालरिसर्च प्रमुख, एंजेल ब्रोकिंगआज जीडीपी (GDP) के जो आँकड़े सामने आये हैं, वे साफ तौर पर विमुद्रीकरण या नोटबंदी (demonetisation) के असर को दर्शाते हैं।
वित्तीय वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही यानि जनवरी-मार्च तिमाही में कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन के कारण देश के जीडीपी विकास (GDP growth) की दर 5.8% रही है।
तिमाही दर तिमाही आधार पर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की विकास दर में गिरावट आयी है।
देश की अर्थव्यवस्था ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। मौजूदा कारोबारी साल की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि की दर 6.3% रही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से रफ्तार पकड़ती दिख रही है। अधिक सरकारी व्यय और तीनों मूलभूत क्षेत्रों में तेजी की बदौलत वित्तीय वर्ष 2017-18 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी (GDP) 7.2% की दर से बढ़ी है।
भारत की आर्थिक विकास दिसंबर 2022 को खत्म हुई चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में घटकर 4.4% पर आ गयी। इसे दूसरी तिमाही में 6.3% के मुकाबले बड़ी गिरावट माना जा रहा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय या एनएसओ (NSO) ने दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी (GDP) वृद्धि का आँकड़ा जारी कर दिया है, जिसके मुताबिक जुलाई-सितंबर 2021 के दौरान 8.4% जीडीपी वृद्धि दर्ज की गयी।
वित्त-वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर महीनों के दौरान भारत की विकास दर या जीडीपी वृद्धि दर घट कर 6.3% पर आ गयी है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने आज दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी के आँकड़े जारी किये।
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डॉनल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले हैं। जनवरी में उनका अगला कार्यकाल शुरू होगा। अमेरिका में 100 साल से ज्यादा समय में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कोई राष्ट्रपति एक चुनाव हारने के बाद वापसी करने में कामयाब हुआ है।
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