आशु मदान, राष्ट्रीय प्रमुख (रिटेल), रेलिगेयर सिक्योरिटीज
आज सुबह एशियाई शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख दिख रहा है और भारतीय शेयर बाजारों के भी कमजोर रहने का अंदेशा है। पिछले सत्रों में आयी तेजी के पीछे कोई ठोस कारण नहीं था। सत्यम के घटनाक्रम के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख नकारात्मक हो गया है। यह विश्वास के संकट की स्थिति है और ये बिगड़े हुए हालात धीरे-धीरे समय के साथ ठीक होंगे। जहाँ तक विभिन्न कंपनियों के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के नतीजों का सवाल है, वे बाजार के अनुमानों के अनुरूप ही हैं।
बाजारों ने नतीजों में मंदी की छाया का अनुमान लगाया था और वह इन नतीजों में दिख रहा है। मेरा यह मानना है कि ये नतीजे हमारे शेयर बाजारों को सकारात्मक दिशा नहीं दे सकते, लेकिन ये बाजारों पर नकारात्मक असर जरूर डाल सकते हैं।
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