इस समय भारतीय शेयर बाजार हद से ज्यादा गर्म हो गया है और मुझे लगता है कि इसमें एक गिरावट आने की संभावना है।
अभी ऐसी गिरावट के संकेत भले ही नहीं मिले हों, लेकिन लोग अपने सौदे काटने लगे हैं। अब तक की तेजी में बाजार में कोई ठहराव (कंसोलिडेशन) भी नहीं दिखा है। हालाँकि मुझे दो दिन पहले लग रहा था कि गिरावट शुरू हो गयी है, लेकिन मेरी सोच गलत हो गयी। अब शायद कोयला ब्लॉक आवंटन पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद या एक-दो दिनों बाद यह गिरावट शुरू हो सकती है। लेकिन बिना किसी नरमी के बाजार जितनी ऊँचाई पर चढ़ता जायेगा, उसके बाद की गिरावट उतनी ही बड़ी होगी।
इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री अमेरिका के यात्रा पर जायेंगे और उस समय एक बार फिर से तेजी आने की उम्मीद रहेगी। लेकिन तब तक के 20-22 दिनों तक बाजार बिना रुके ऊपर नहीं जा सकता है। मेरा मानना है कि निफ्टी यहाँ से ज्यादा-से-ज्यादा 150-170 अंक तक और सेंसेक्स करीब 500 अंक तक ही ऊपर जा सकेगा।
निफ्टी अगर करीब 7400 से 8300 तक लगभग 900 अंकों की उछाल के बाद नीचे आता है तो मोटे तौर पर 325-350 अंकों की गिरावट आ सकती है। यह गिरावट जब आयेगी तो अचानक आयेगी। इस समय छोटे-मँझोले शेयर भी बड़ी मजबूती से चल रहे हैं और बाजार में हर तरह के लोगों ने आना शुरू कर दिया है। ऐसे में बहुत से लोगों को भारी घाटा हो सकता है। ऐसी गिरावट के बाद लोग बिकवाली सौदे करने शुरू कर देंगे और उस समय भी फँसेंगे। मुझे इसी बात का डर है। (शेयर मंथन, 9 सितंबर 2014)
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